वृद्ध सेवा
वानप्रस्थधाम — जहाँ बुज़ुर्गों को मिलता है नया जन्म, नई उम्मीद…
पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी के पावन सान्निध्य में वानप्रस्थधाम आज केवल एक सेवा स्थल नहीं… बल्कि उन बुज़ुर्ग माताओं के लिए नया घर है, जिन्हें अपने ही बच्चों से वह स्नेह और सहारा नहीं मिल पाया जिसकी वे हक़दार थीं।
कई माताएँ ऐसी हैं— जिनके बेटे दूर हैं, या परिस्थितियोंवश सेवा नहीं कर पा रहे… लेकिन आज महाराज जी स्वयं उनका बेटा बनकर, उनके स्वास्थ्य, भोजन, दवाई, दिनचर्या से लेकर रोज़ के सत्संग, भजन, ध्यान और साधना तक हर एक ज़रूरत का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
यहाँ एक माँ की बीमारी भी अनदेखी नहीं होती, और एक माँ की मुस्कान भी महाराज जी की साधना बन जाती है।
वानप्रस्थधाम का लक्ष्य केवल सेवा नहीं, बल्कि हर माँ के जीवन में सम्मान, सुरक्षा और आध्यात्मिक शांति को स्थायी बनाना है।
यह स्थान केवल आश्रम नहीं…
उन माओं का सहारा है जो जीवन के इस पड़ाव में अकेली पड़ गई थीं।
महाराज जी का एक ही मंत्र है—
“भक्ति वही है जहाँ सेवा है, और सेवा वही जहाँ माँ है।”
फिर से चलना, मुस्कुराना, जीना और
अपनापन महसूस करना सीख रही हैं।
वानप्रस्थधाम —
एक ऐसा धाम जहाँ माँ को छोड़ने नहीं,
उन्हें उठाकर जीवन देने का काम होता है।
- 🩺 नियमित स्वास्थ्य परीक्षण
- 🍲 समय पर भोजन — पौष्टिक और सात्विक
- 🧘♀️ योग व ध्यान
- 🎶 भजन–सत्संग से मन की शांति
- 🏡 और सबसे बढ़कर — सम्मान, प्रेम और परिवार जैसा वातावरण