संत सेवा
वानप्रस्थधाम में अन्न–सेवा और संत–सेवा
“अन्न–दान और संत–सेवा, दोनों ही कलियुग में महानतम पुण्य माने गए हैं।”
हमारे शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि
अन्न–सेवा सबसे बड़ी सेवा है,
और संत–सेवा उससे भी अधिक फलदायी मानी जाती है।
वानप्रस्थधाम में पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज के पावन सान्निध्य में निरंतर अन्न–सेवा, संत–सेवा और बाल–भोग सेवा का दिव्य कार्य चल रहा है।
यहाँ आने वाले संतों, सेवकों, आश्रमवासियों और बालकों के लिए नियमित रूप से प्रसाद रूप में शुद्ध, सात्विक और प्रेम से परिपूर्ण भोजन की व्यवस्था की जाती है।
यहाँ दिया गया हर ग्रास — किसी की भूख मिटाने के साथ-साथ
आपके जीवन में भी पुण्य, शांति और कृपा का कारण बनता है।
👉 आप किन प्रकार से अन्न–सेवा में सहभागी बन सकते हैं?
अपनी क्षमता और भावना के अनुरूप आप निम्न सेवाओं में से किसी एक या अधिक माध्यम से जुड़ सकते हैं।
पूर्ण दिवस सेवा
🍽️
१ दिन की संपूर्ण अन्न–सेवा
₹11,000
एक पूरे दिन आश्रम में प्रसाद, भंडारा एवं भोजन व्यवस्था की संपूर्ण सेवा।
आपका एक दिन = सैकड़ों थालियों में तृप्ति का प्रसाद।
एक समय की सेवा
🥣
१ समय की अन्न–सेवा
₹5,100
(सुबह / दोपहर / रात्रि) किसी एक समय के लिए अन्न–सेवा का पूर्ण भार।
एक समय की सेवा भी अनगिनत पुण्य–फल प्रदान करती है।
संत–सेवा
🙏
१ दिन का संत–सेवा भोजन
₹3,100
आश्रम में पधारे संत–महात्माओं के लिए पूरे दिन के भोजन एवं प्रसाद की सेवा।
संत–सेवा का फल शास्त्रों में अतुलनीय बताया गया है।
बाल–भोग
🧒🍛
बाल–भोग सेवा
₹1,100
आश्रम के बालकों एवं सेवकों के लिए विशेष भोग एवं प्रसाद की सेवा।
बच्चों को दिया गया प्रेम और अन्न, सीधा ईश्वर तक पहुँचता है।
आपका छोटा सा सहयोग भी किसी एक भूखे पेट की तृप्ति
और आपके जीवन में अखण्ड पुण्य, शांति और कृपा का कारण बन सकता है।