📍 Behind Pagal Baba Hospital, Vanprasth Dham, Phase-1, Vrindavan — 281121
Founder & Visionary • Vanprastha Dham, Vrindavan

पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज — हमारे पथप्रदर्शक

“सेवा ही साधना है, और साधना ही जीवन का सर्वोच्च मार्ग।”

पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज उन विरले संतों में से हैं जिन्होंने अपने जीवन को पूर्णतः सेवा और करुणा को समर्पित कर दिया है। बचपन से ही आपका हृदय भक्ति एवं साधना की ओर प्रवृत्त रहा, लेकिन समय के साथ यह भावना केवल व्यक्तिगत साधना तक सीमित नहीं रही—यह बदलकर एक दिव्य संकल्प बन गई।

यह संकल्प था—ऐसा धाम स्थापित करना जहाँ बुज़ुर्ग माताओं को नया परिवार मिले, जहाँ बेसहारा गौमाताओं को सुरक्षित आश्रय मिले, जहाँ साधक, संत और सेवक सम्मान, प्रेम और सात्त्विक वातावरण में रह सकें। इसी संकल्प ने जन्म दिया वानप्रस्थधाम को—एक ऐसे जीवंत आश्रम को जो आज हजारों लोगों का सहारा बन चुका है।

महाराज जी का जीवन–मंत्र है—“निष्काम सेवा ही परम साधना है”। वे उन माताओं के लिए बेटा बनकर खड़े हैं जिन्हें अपने ही परिवारों से उपेक्षा मिली। वे उन गौमाताओं के लिए रक्षक हैं जिन्हें सड़क पर छोड़ दिया गया। वे धाम में आने वाले हर संत, सेवक और बालक को प्रसाद–रूप भोजन और स्नेह प्रदान करते हैं।

आज वानप्रस्थधाम उनके स्नेह और त्याग का प्रत्यक्ष स्वरूप है— जहाँ हर आगंतुक को अपनापन, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जाओं का दिव्य अनुभव मिलता है।

“जहाँ सेवा है, वहीं भगवान हैं; और जिसे सेवा का अवसर मिला—वही वास्तव में धन्य है।”
Param Pujya Dr. Shree Chatur Narayan Parashar Ji Maharaj
परम पूज्य डॉ. श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज वानप्रस्थ धाम, वृंदावन
पूज्य महाराज जी का संदेश
Vanprasth Dham, Vrindavan — संस्थापक एवं प्रेरणास्रोत
जहाँ सेवा है, वहीं भगवान वास करते हैं।
बुज़ुर्ग माताओं की सेवा, गौमाता की रक्षा और अन्न–सेवा में प्रेम से जुड़ना—
यही मनुष्य जन्म की सर्वोच्च साधना है।

जिसे सेवा का अवसर मिला… वही वास्तव में सौभाग्यशाली है।

पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज का यह दिव्य संदेश केवल वाक्य नहीं, बल्कि पूरे वानप्रस्थधाम की आत्मा है। यहाँ हर कार्य, हर सेवा और हर नियम इसी सिद्धांत पर आधारित है कि बिना स्वार्थ की सेवा ही सच्ची भक्ति है।

महाराज जी बताते हैं कि मानव जीवन का दूसरा चरण—विशेषकर 50 वर्ष के बाद— ईश्वर के निकट आने का स्वर्णिम काल है। यह वह समय है जब मनुष्य को सेवा, साधना, जप–तप और आत्मिक उन्नति में लगना चाहिए, ताकि जीवन धन्य हो सके।

वानप्रस्थधाम में रहने वाली हर माँ, हर गौमाता और हर अतिथि महाराज जी के लिए भगवान का रूप है। इसलिए यहाँ सेवा केवल कर्म नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और आध्यात्मिक समर्पण का मार्ग है।

महाराज जी का मानना है कि जो व्यक्ति किसी रूप में भी सेवा से जुड़ता है— चाहे वह अन्न–सेवा हो, गौ–सेवा हो, या बुज़ुर्ग माताओं की सेवा— वह अपने कुल में आशीर्वाद, सुख और आध्यात्मिक समृद्धि का द्वार खोलता है।

— पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज Vanprastha Dham, Vrindavan
Seva Opportunities

Vanprasth Dham – मुख्य सेवाएँ

वानप्रस्थधाम में प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की सेवाएँ चल रही हैं – गौ–सेवा, संत–सेवा, वृध्द–सेवा और बंदर–सेवा। आप भी इनमें से किसी भी सेवा से जुड़कर अपना योगदान दे सकते हैं।

Cow Seva
Cow Seva
At the sacred land of Vanprasth Dham, Vrindavan, thousands of Gau Matas are lovingly served, protected and cared for every single day. Behind this noble mission stands Param Pujya Chatur Narayan Maharaj Ji, dedicating his life to the selfless service of cows and the preservation of Dharma.
Sant Seva
Sant Seva
Serving saints is considered one of the highest forms of devotion. Saints are the living representatives of the Divine – they guide the world with wisdom, compassion and selfless love. Vanprasth Dham offers daily opportunities to support and serve such enlightened beings.
Vridh Seva
Vridh Seva
Serving the elderly is a sacred duty – our scriptures teach us: “Matru Devo Bhava, Pitru Devo Bhava”. At Vanprasth Dham, senior citizens are provided with food, care, medicine, satsang and a peaceful spiritual environment to live with dignity and grace.
Bander Seva
Bander Seva
In the holy land of Vrindavan, even the monkeys are seen as companions of Lord Hanuman and Lord Krishna. Bander Seva ensures that these beings receive food and care, honouring them as a part of Vrindavan’s divine ecosystem, not as helpless strays.

Glimpses of the service journey

Upcoming Events
आगामी कार्यक्रम – Vanprasth Dham

वानप्रस्थधाम में समय–समय पर भक्ति, सेवा और साधना से जुड़े विशेष कार्यक्रम, कथाएँ और शिविर आयोजित किए जाते हैं। आप भी इन पावन आयोजनों का हिस्सा बन सकते हैं।

Registration Open
15
JAN
2026
श्रीमद्भागवत कथा एवं कलश यात्रा
📍 Vanprasth Dham, Vrindavan 🕒 प्रातः 10:00 बजे से – सायं 4:00 बजे तक
पूज्य श्री चतुर नारायण पराशर जी महाराज के सान्निध्य में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा, कलश यात्रा, भजन–संध्या एवं प्रसाद वितरण। सीमित भक्तों के लिए विशेष साधना–बैठक की व्यवस्था भी रहेगी।
Limited Seats
28
JAN
2026
गौ–सेवा महोत्सव एवं विशेष पूजन
📍 Gaushala परिसर, Vanprasth Dham 🕒 सुबह 9:00 बजे से
बेसहारा एवं सेवा–अधीन गौमाताओं के लिए विशेष अन्न–सेवा, चिकित्सा–शिविर, रुद्राभिषेक और सामूहिक गौ–पूजन। इच्छुक भक्त भूसा, हरा चारा या खल–चोकर सेवा के माध्यम से सहयोग कर सकते हैं।
Spiritual Camp
05
FEB
2026
वानप्रस्थ जीवन साधना शिविर (50+ आयु)
📍 Vanprasth Dham, Vrindavan 🕒 3 दिवस • रात्रि विश्राम सहित
50 वर्ष से अधिक आयु के साधकों के लिए विशेष शिविर — वानप्रस्थ जीवन की तैयारी, दिनचर्या, योग, ध्यान, जप–तप, सत्संग और Vanprasth Dham में स्थायी निवास/कमरा बुकिंग से जुड़ी मार्गदर्शन–सभा।
* उपरोक्त तिथियाँ वानप्रस्थधाम की आयोजन–समिति द्वारा समय–समय पर परिवर्तित की जा सकती हैं। विस्तृत जानकारी एवं पुष्टि हेतु कृपया आश्रम कार्यालय से संपर्क करें।
कार्यक्रम से जुड़ने हेतु पंजीकरण
कृपया नीचे अपनी जानकारी भरें, हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी।
चयनित कार्यक्रम:

Pujya Chatur Naryan Ji Satsang – Videos

Blog

वानप्रस्थ धाम की विशेषताएँ

उनके लिए वानप्रस्थ धाम में विशेष कक्ष बुकिंग की व्यवस्था की जा रही है। जो भी भक्त अपने बुढ़ापे में प्रभु के धाम में रहना चाहते हैं, वे यहाँ एक

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संकल्प से सेवा तक – वानप्रस्थ धाम का जन्म

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भक्तों के अनुभव – Vanprasth Dham Seva

देश के विभिन्न राज्यों से आये सेवाभावी भक्तों की सच्ची अनुभूतियाँ।

SS

Suresh Sharma

Jaipur, Rajasthan
मातृ–सेवा एवं वानप्रस्थ निवास
मेरी 72 वर्ष की माता जी पिछले एक साल से Shree Dhamadhav Vanprasth Dham में रह रही हैं। सच कहूँ तो जहाँ हम बच्चों से सेवा नहीं हो पाई, वहाँ महाराज जी ने उनका सारा दायित्व अपने ऊपर ले लिया। नियमित स्वास्थ्य जाँच, समय पर दवाई, भजन–सत्संग और सबसे बढ़कर – माँ को बेटा जैसा स्नेह। हर बार आश्रम जाकर लगता है कि माँ किसी वृद्धाश्रम में नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक परिवार में रह रही हैं।
MD

Meera Deshpande

Pune, Maharashtra
गौ–सेवा सहयोग
मैंने पहली बार Vanprasth Dham का वीडियो देखकर गौ–सेवा के लिए सहयोग करना शुरू किया। यहाँ जिन बेसहारा और बीमार गौमाताओं को सड़कों से उठाकर लाया जाता है, उन्हें देखकर आँखें भर आती हैं। जब भी मैं भूसा, हरा चारा या खल–चोकर सेवा के लिए दान करती हूँ, मन में यह विश्वास रहता है कि हर दाना किसी गौमाता के जीवन में नई साँस बन रहा है। सच में, यहाँ की गौ–सेवा केवल सेवा नहीं, जीवन रक्षा है।
RA

Rajesh Agarwal

Varanasi, Uttar Pradesh
अन्न–सेवा एवं संत–सेवा
परिवार की एक विशेष तिथि पर मैंने Vanprasth Dham में एक दिन की संपूर्ण अन्न–सेवा रखवाई। यह जानकर मन भावुक हो गया कि उस दिन संतजनों, आश्रमवासियों और सेवकों ने जो भी भोजन किया, वह सब हमारे परिवार की ओर से प्रसाद रूप में था। बाद में महाराज जी ने बताया – “अन्न–सेवा और संत–सेवा, दोनों ही कलियुग में सर्वोत्तम पुण्य हैं।” आज हर शुभ अवसर पर हम यहीं अन्न–सेवा बुक करते हैं।
AV

Ananya Verma

Bengaluru, Karnataka
ब्रजवास एवं साधना–निवास
कई वर्षों से मन में इच्छा थी कि कुछ समय ब्रज में रहकर शांति से साधना करूँ। इंटरनेट पर खोजते–खोजते मुझे Shree Dhamadhav Vanprasth Dham मिला और मैंने कमरा बुकिंग के लिए आवेदन किया। आश्रम का वातावरण अत्यंत शान्त, सात्त्विक और अनुशासित है – सुबह मंगला आरती, दिन में सेवा, शाम को सत्संग। यहाँ रहकर महसूस हुआ कि ब्रज में सच्चा आश्रय और मार्गदर्शन मिल जाए तो जीवन की दिशा ही बदल जाती है।
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